ज़िन्दगी मेरी रब की इनायत हो गयी
उल्फत मेरी उनकी इबादत हो गयी
देखते ही आँचल लपेटना उंगलियों पे
ये अदा ही उनकी कयामत हो गयी
हम तो मर मिटे उनकी इस अदा पे
प्यार दिल की शोख़ हसरत हो गयी
क्या खता हुई हमसे की हम उनके हुए
हर खता मदहोश उल्फत ये हो गयी
तरसे हो बून्द और मिल जाये दरिया
रब ये तेरी कैसी कवायत हो गयी
दास्तां मेरी सुनते ही वो रो दिए
खुश रहूँ मैं उनकी हिदायत हो गयी
क्या सुनायें किस्से हम दीवानगी के
हर तरफ दिल की सियासत हो गयी
चाँद बन ज़िन्दगी मेरी रोशन किए
चाँदनी दिल की रिवायत हो गयी
*वस्ल-ए-इनायत- मिलने की कृपा
*रुबाइयत- शबद /कुरान के दोहे
*इनायत- कृपा
*हिदायत- अनुदेश
*हिमायत- साहस
*रिवायत- परंपरा
*तीजारत- व्यापार
*तिलावत- पढ़ना किसी धर्मग्रंथ को पढ़ना
*जियारत- किसी कब्र के दर्शनार्थ किया जाने वाला सफ़र
G050
Visitors: 9