Posted inKavita Short Poem कितना अकेला Posted by Bhuppi Raja March 26, 2022No Comments कितना अकेला कितना अकेला होता हूंजब तुम्हारे साथ होता हूं,कितने आंसू पीता हूंजब मुस्कुराहटे बिखेरता हूं, गुनहगार कहलाता हूंजब कोई गुनाह नहीं करतासरेआम कत्ल होता हूंजब कातिल बक्श देता हूं…K031 ग़ज़ल/ नज़्म दोहे कोट्स Post navigation Previous Post मुझे अपना जिस्मNext Postशम्मा के साथ