Posted inGhazal/Nazm क्यूँ ना आज कुछ Posted by Bhuppi Raja July 3, 1998No Comments क्यूँ ना आज कुछ आजा क्यूँ न कुछ यूँ किया जाएतेरी यादों के साथ तले सोया जाएघर को अपने फूलों से सजाया जाएखुशबुओ को साँसो मे बसाया जाएघरोंदा अपना प्यार से बनाया जाएहर तिनका शिद्दत से सजाया जाएजश्न-ए-उल्फत को यूँ मनाया जाएमेला खुशियों का दिल से लगाया जाएमहफ़िल को यूँ रंगीन बनाया जाएसाज-ए-उल्फ़त ही सिर्फ बजाया जाएअनबुझी प्यास को यूँ बुझाया जाएजाम-एँ-मोहब्बत ही पिलाया जाएदोस्ती को कुछ ऐसे निभाया जाएदिल खोल के यार को दिखाया जाएदूरियों को ऐसे खत्म किया जाएप्यार दिया जाए प्यार लिया जाएमुस्कराऐं जब भी याद किया जाएवादा ये ख़ुद से आज किया जाए *उल्फत- प्यार, मुहब्बत, स्नेह, प्रेमG046 Post navigation Previous Post प्यार का ये भरमNext Postरुठा है यार मेरा