हाल-ए-दिल किससे

हाल-ए-दिल किससे

हाले-दिल कहें किससे वो बतलाए तो
ख़्यालों मे जो है वो सामने आए तो


सितारे सारे मदहोश हो जाएँगे
चाँद बादलों का नक़ाब हटाए तो


गाल गुलाबी आसमां के हो जाएँगे
कभी बेखयाली मे वो शरमाए तो


फ़ना हो जायेंगे उन आँखों मे खोकर
कभी हमसे नज़रें वो मिलाए तो


ना लौटेंगे हम कभी उनके दर से
कभी मुझे अपने पास वो बुलाए तो
 
सुना देंगे उन्हें इस दिल की दास्तां
कभी हाल-ए-दिल वो पूछने आए तो


दर्द सब उनके पल मे फ़ना हो जाएंगे
कभी दर्द दिल अपना वो दिखलाए तो

G035

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