Posted inGhazal/Nazm तू मेरा हो नहीं सकता Posted by Bhuppi Raja December 3, 1998No Comments तू मेरा हो नहीं सकता तू मेरा हो नहीं सकता जानता हूँ मगरफिर भी दिल लगाने को जी चाहता है हर हसरत नेस्तनाबूद हो जाएगी मगरहसरतें और जगाने को जी चाहता है आतिश-ए-इश्क़ है ये जला के ख़ाक कर देगा इस आग में जल जाने को जी चाहता है चले जाओगे तुम तन्हा छोड़ कर हमें कुछ पल साथ बिताने को जी चाहता है तू परछाई है मेरी छू भी नहीं सकता फिर भी हाथ बडाने को जी चाहता है हर चाहत पे जो रहमत की बारिश कर देऐसा खुदा मनाने को जी चाहता है खुशफ़हमीयां कुछ पल की टूट जायेगी मगर आज फिर मुस्कुराने को जी चाहता हैG063 Post navigation Previous Post दूर से पूछोगे हालNext Postकुछ ख़्वाब अधूरे