नींद से जागो

नींद से जागो

नींद से जागो तो कुछ ख्व़ाब दिखाएं
देखो आसमां संग तो महताब दिखाएं
 
ये वो सफ़े है जो दूरियों से नहीं पढ़े जाते 
थोड़ा क़रीब तो आओ की किताब दिखाएं…
 
अंधेरे ज़िन्दगी के सब उजाले हो जाएंगे
इक दिया तो जलाओ की आफताब दिखाएं
 
आईने से तुम खुद से ये क्या पूछते हो 
नज़रें हमसे तो मिलाओ की जवाब दिखाएं 
 
कितना चाहते हैं हम तुम्हे दिखला देगें
इक बार कहो तो हमसे की जनाब दिखाएं 
 
ये चाँद सितारे सब मदहोश हो जाएंगे 
हिज़ाब मुख से तो हटाओ की शबाब दिखाएं
 
हम भी चिनाब में डूबने का हुनर रखते है
कच्चा घड़ा तो लाओ की सोहराब दिखाएं
 
ये जमीं-आसमाँ दोनों एक कर देंगे 
इक आंसू भी गर बहाओ तो सैलाब दिखाएं 
 
*आफ़ताब-चाँद, चाँदनी 
*सोहराब-होंसला 
*आफ़ताब-सूरज 
*सैलाब-जलजला, बाढ़

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