Posted inGhazal/Nazm मेरी हसरतों को Posted by Bhuppi Raja June 3, 1997No Comments मेरी हसरतों को मेरी हसरतों को और कितना तरसाओगेकभी तो तुम मेरी उल्फ़त को समझ पाओगेकश्ती मेरी मझधार ले जा तो रहे होडूब गया मैं तो तुम भी कहा बच पाओगेमैं कतरा ही सही मेरा कुछ वजूद तो हैमैं ना हूँ तो तुम समंदर क़ो जाओगे मैं वक़्त हूँ थाम लो मुझे बाहों मेंगुजर गया पल तो सोचते रह जाओगे अभी तो रात बाकी है घूम लो आवारासूबह तो तुम लोट के घर ही आओगेआवाज़ दोगे जब भी मुझे दिल के झरोकों सेहर तरफ देखूंगा जिधर नगर घुमाओगे जलेगा उम्मीदें-चिरागा मेरे बुझने तकहर लो में दिखूंगा, जो शमा जलाओगे भूले से भी कोशिश करोगे भूलने कि हमें उतना याद आऊंगा जितना मुझे भुलाओगेG074 Post navigation Previous Post बहुत चोट खायेNext Postजो भी इस जग मे होता है