मेरी हसरतों को

मेरी हसरतों को

मेरी हसरतों को और कितना तरसाओगे
कभी तो तुम मेरी उल्फ़त को समझ  पाओगे


कश्ती मेरी मझधार ले जा तो रहे हो
डूब गया मैं तो तुम भी कहा बच पाओगे


मैं कतरा ही सही मेरा कुछ वजूद तो है
मैं ना हूँ तो तुम समंदर क़ो जाओगे

 
 मैं वक़्त हूँ थाम लो मुझे बाहों में
गुजर गया पल तो सोचते रह जाओगे  
 
अभी तो रात बाकी है घूम लो आवारा
सूबह तो तुम लोट के घर ही आओगे


आवाज़ दोगे जब भी मुझे दिल के झरोकों से
हर तरफ देखूंगा जिधर नगर घुमाओगे

 
जलेगा उम्मीदें-चिरागा मेरे बुझने तक
हर लो में दिखूंगा, जो शमा जलाओगे

 
भूले से भी कोशिश करोगे भूलने कि  हमें 
उतना याद आऊंगा जितना मुझे भुलाओगे

G074

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