मिला न प्यार

मिला न प्यार

मिला ना प्यार तो रिंदो से दोस्ती कर ली 
यू हमने अपने ही दिल से दिल्लगी कर ली


मगरूर थे अंधेरे कि राज उनका है
घर अपना जला हमने रोशनी कर ली


मेरे दुश्मन भी मेरा ये हौंसला देख 
घबरा गए इतना कि आके दोस्ती कर ली


जो भी मुहब्बत से हमसे पेश आया
सर अपना झुका हमने बंदगी कर ली


होंगे मजबूर वो बहुत जो बेवफा हुए 
ये सोच कर इस दिल ने तस्सली कर ली


उजाले यू हुए उनके आने से हर तरफ 
कि अंधेरों ने घुट के खुदकुशी कर ली

 

*मगरूर- घमंडी, अभिमानी
*बंदगी- आज्ञाकारिता, आराधना, नम्रता, भक्ति सेवा

G056

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