Posted inGhazal/Nazm मिला न प्यार Posted by Bhuppi Raja February 3, 1998No Comments मिला न प्यार मिला ना प्यार तो रिंदो से दोस्ती कर ली यू हमने अपने ही दिल से दिल्लगी कर लीमगरूर थे अंधेरे कि राज उनका हैघर अपना जला हमने रोशनी कर लीमेरे दुश्मन भी मेरा ये हौंसला देख घबरा गए इतना कि आके दोस्ती कर लीजो भी मुहब्बत से हमसे पेश आयासर अपना झुका हमने बंदगी कर लीहोंगे मजबूर वो बहुत जो बेवफा हुए ये सोच कर इस दिल ने तस्सली कर लीउजाले यू हुए उनके आने से हर तरफ कि अंधेरों ने घुट के खुदकुशी कर ली *मगरूर- घमंडी, अभिमानी*बंदगी- आज्ञाकारिता, आराधना, नम्रता, भक्ति सेवाG056 Post navigation Previous Post अश्क बहते हैंNext Postहाल-ए-दिल किससे