Posted inGhazal/Nazm चाँद से सूरज से Posted by Bhuppi Raja November 1, 2000No Comments चाँद से सूरज से चाँद से सूरज से जिससे भी यारी रखिएबस इस दिल में थोड़ी जगह हमारी रखिए जानते है हम कि गुल किन क़िताबों में हैं आप तो बस अपनी तफ़्तीश जारी रखिए मुफ़लिसि में जेबें भी फट जाया करती हैं आप इनमें कभी थोडी रेज़गारी तो रखिए समझा नहीं सकते तुम अपनी दलीलों से आप तो बस अपनी तकरीर जारी रखिए आईने के सामने हमसे ही करोगे बातेंइन सुरमई आँखों में तस्वीर हमारी रखिए बेखुदी में क्या मज़ा है तुम भी जान जाओगे आप अपने दिल में थोड़ी बेकरारी रखिए खुशबु साँसों में होंगी महक फिज़ाओ में आप अपने दिल में धड़कन हमारी रखिए सब शिकवे भूला कर तुम्हें गले लगा लेगें इस ईद आप अपने घर इफ़तारी रखिएG020 Post navigation Previous Post हर चमन मेंNext Postतेरे कदमों में