Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) हर त्यौहार को अब Posted by Bhuppi Raja August 26, 2021No Comments हर त्यौहार को अब हर त्यौहार को अब कुछ यूं मनाया जाएकिसी गरीब के घर का चूल्हा जलाया जाए ज़िन्दगी हमारी रोशनी से भर जाएगीउसके दर इक दिया जलाया जाए सदियों से उदास चेहरे फिर खिल उठेंगेहर दर को अपनी दुआओं से सजाया जाए भर जायेंगे ज़िन्दगी में सब रंग तुम्हारेथोड़ा प्यार का रंग चेहरे पे लगाया जाए ज़िन्दगी तुम्हारी खुशनुमा हो जाएगीहर आंगन को फूलों से सजाया जाए ना उम्मीदों की हौसला-अफजाई की जाएउन दिलो में उम्मीद-ए-चिराग जगाया जाए अपने तो अपने हैं, गैर भी अपने हो जाएहर रिश्ते को बड़ी शिद्द्त से निभाया जाए अंधेरों में डूबी इन वीरान बस्तियों मेंइक दीया खुशिओं का भी जलाया जाए रंजिशें सब जहाँ से फ़ना हो जाएगीनफरतों को मोहब्बत से मिटाया जाएK038 Post navigation Previous Post वक़्त हर वक़्त काNext Postतू मेरे संग है