Posted inGhazal/Nazm आज इतनी इनायत Posted by Bhuppi Raja February 3, 1999No Comments आज इतनी इनायत आज बस इतनी इनायत कीजिए रुख से पर्दा हटाने दीजिए बादलों अपने ये पहरे हटालोचाँदनी ज़मी पे आने दीजिए मुद्दतो बाद मिले हो हमको आँसू छलक जाने दीजिए हम भी अजनबी नहीं रहेंगेथोड़ा पास तो आने दीजिए कलियाँ फूल बन खिल उठेंगीभंवरे गुनगुनाने दीजिये बेख़्याली में भी मुस्कराओगेथोड़ा सरूर तो आने दीजिए बेकरारी से हमको ही ढूंढोगेइक शाँम साथ बिताने दीजिए राजा आपका मुरीद होगासर कदमों में झुकाने दीजिएG057 Post navigation Previous Post कुछ ख़्वाब अधूरेNext Postतूने मुझे इक बार