Posted inGhazal/Nazm इख़्तिलात कीजिए Posted by Bhuppi Raja October 1, 1998No Comments इख़्तिलात कीजिए मोहब्बत कीजिए या अदावत कीजिएकुछ तो कीजिए चाहे खज़ावत कीजिए समझेंगे तुझको भी हम दोस्त अपनाकभी हमसे भी तो शिकायत कीजिए अपने लहू को हम स्याही बना लेंगेकभी सामने आकर बगावत कीजिए हम भी शेखावत से क्या कम नहींकभी हमारी भी तो वज़ाहत कीजिए समझेगे तुझको भी हम अली-वलीकभी नज़रे इधर भी इनायत कीजिए इन मुलाकातो का क़ोई अंजाम नहींअब और ना ऐसी कवायत कीजिए ऐसे ना देखो मुझे ऐसे ना प्यार करोआप इतनी भी ना हिदायत कीजिए *इख्तिलात (friendship)*अदावत (enmity)*खज़ावत (shameful)*शेखावत (generously/forgiveness)*वज़ाहत (respect)*अली वली (God or Almighty)G024 Post navigation Previous Post आज का दिनNext Postदूर से पूछोगे हाल