Posted inGhazal/Nazm दिल को पत्थर Posted by Bhuppi Raja September 3, 1997No Comments दिल को पत्थर दिल को पत्थर भी कर लूं तो भी क्या होजायेगा तेरी यादों का क्या सिलसिला रुक जायेगाशमा जलते ही तेरे साये को चले आना और मुझमे समा जाना क्या ये भूल पाएगा मोहब्बते सरूर जो तुम्हारी आंखों में खुमार था गर वही ना रहा तो और क्या रह जाएगाकोशिश जितनी भी कर लो तुम मुस्कुराने कीगर हम ही ना रहे तो आँसू टपक ही जाएगाG070 Post navigation Previous Post क्यों धन का दीवाना हैNext Postवादा भी किया