Posted inGhazal/Nazm रुठा है यार मेरा Posted by Bhuppi Raja August 3, 1998No Comments रुठा है यार मेरा रूठा है यार मेरा उसे मनाऊं कैसेकरते है इंतहा प्यार बताऊँ कैसे तू है मेरा हमसफर तू ही हमसायातुझसे दूर मैं जाऊं तो जाऊं कैसे सजती नहीं कोई महफ़िल अब तेरे बिनाइस महफ़िल को सजाऊं तो सजाऊं कैसे सरे आइना मैं हूं पशे आइना है कौनचेहरा तुझें दिखाऊं तो दिखाऊं कैसे तेरे बिना कटता नहीं मेरा इक पल भीबहुत लम्बी है ज़िंदगी बिताऊ कैसे *सरे आइना- दर्पण के आगे*पशे आइना- दर्पण के पीछेG045 Post navigation Previous Post क्यूँ ना आज कुछNext Postआज का दिन