जब से गए हो तुम परेशान हूँ मैं अब तक कैसे जिंदा हैरान हूँ मैं नज़रों से दूर हो आवाज कैसे दूँ तुम बिन जहाँ में बेजुबान हूँ मैं इंतज़ारे-बेकरारी मेरा दम ले लेगी अब लोट भी आओ पशेमान हूँ मैं
तुम मुझे न चाहो ये तुम्हारी मरज़ी अब तो कुछ पल का मेहमान हूँ मैं
नज़रें मिलाओ या मिलाके झुकाओ तुम्हारी हर अदा पे कुरबान हूँ मैं हमें भी जीने की वजह मिल जाएगी इक बार कह दो तुम्हारी जान हूँ मैं
तुम्ही मेरी हस्ती तुम्हीं सरमाया बिना तुम्हारे बेकार बेनाम हूँ मैं
*पशेमां- लज्जित, पछताने वाला *सरमाया- धन दौलत संपत्ति सर्माया