मृगतृष्णा

मृगतृष्णा

मृगतृष्णा कब तक भटकेगी
कब तक उसका लहू टपकेगा
कब तक उसकी सांस चलेगी
कितना दौड़ पाएगी वो
रिसते जख्मों के साथ

 

ज़माना शिकारी हो गया
लोग शिकार करने लगे
जिनका निशाना कभी
चूकता नहीं

 

तृष्णा मर गई!
समझो मृग मर गया
मृग मर गया!
शायद तृष्णा जिंदा रहे

 

लेकिन अंत तो सर्वविदित है
चाहे मृग का हो
या उसकी तृष्णा का…

KO25

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