Posted inGhazal/Nazm जब कभी तेरी Posted by Bhuppi Raja March 3, 1997No Comments जब कभी तेरी जब कभी तेरी याद आती है रात आँखों में गुज़र जाती हैमेरी तन्हाई मेरा हमसफर मेरा पल-पल साथ निभाती हैकब तक करूँ इंतज़ार तेरातू ना आती है न बुलाती है रूठ कर उम्र क्यूँ जाया करें बेवजह बात क्यों बढ़ाती है आओ चलो सामान बाँध लेंगाड़ी प्यार कि छूटी जाती है *बेसबब- अकारण, बेवज़हG069 Post navigation Previous Post अब क्यूँ इतना रोता हैNext Postक्यूँ जीवन अपना खोता है