जब कभी तेरी

जब कभी तेरी

जब कभी तेरी याद आती है 
रात आँखों में गुज़र जाती है


मेरी तन्हाई मेरा हमसफर 
मेरा पल-पल साथ निभाती है


कब तक करूँ इंतज़ार तेरा
तू ना आती है न बुलाती है 


रूठ कर उम्र क्यूँ जाया करें 
बेवजह बात क्यों बढ़ाती है 


आओ चलो सामान बाँध लें
गाड़ी प्यार कि छूटी जाती है

 

*बेसबब- अकारण, बेवज़ह

G069

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *