आज यहाँ हर शख़्स

आज यहाँ हर शख़्स शराबी हो जाएगा

उसका हर अन्दाज़ नवाबी हो जाएगा

 

पढ़ लो अपना प्यार यार की ही आँखों में

वरना उसका प्यार किताबी हो जाएगा

 

आज ये बरसात भिगो ही दे तन-मन को

भीगा मेरा यार शबाबी हो जाएगा

 

भर लो अपना यार तुम प्यार से बाहों में

भूला उसका प्यार जवाबी हो जाएगा

 

छू लो अपना यार तुम प्यार की नज़रों से

चेहरा वो महताब गुलाबी हो जाएगा

 

*शबाबी- यौवन काल जवानी।

*महताब- चाँद

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