मिला न प्यार

मिला न प्यार तो रिंदो से दोस्ती कर लीयूँ हमने अपने ही दिल से दुश्मनी कर ली बड़े मगरूर…

तूने मुझे इक बार

तूने मुझे एक  बार तो आजमाया होतातेरी आँखों में मेरा प्यार तो आया होता काट लेता ये ज़िन्दगी तेरी…

किसी का प्यार

किसी का प्यार उसको, मिल गया होगाभरी धूप में बरसात का, यही सबब होगा कोई उदास चेहरा फिर, खिल उठा होगाजब कोई भूला ख़यालों से, गुज़र गया होगा वो अपने दीदार-ए-यार, को बेताब होगाजब चाँद ने बादल का, घूँघट किया होगा छुपाए नहीं छुपी होगी, चेहरे की सुर्खियांजब यादों के साए ने, होले से छुआ होगा हवा यूँ ही नहीं महकी, उनकी याद मेंकुछ ना कुछ तो उधर भी, जरूर हुआ होगाG054

काश मैं भी

काश! मैं भी ऐसा होताकह देता मन जैसा होता इतनी हिम्मत मुझमें होतीमैं भी तेरे जैसा होता मुख अपना भी उज्जवल होतागर मन शीशे जैसा होता पल-पल ये ना सोचा होताऐसा होता कैसा होता सब खुश रहते कोई ना रोतागर ना पैसा-पैसा होता जो भी होता उल्टा होताकुछ तो मेरे जैसा होता ये जग सारा मेरा होतागर ना ऐसा-वैसा होता ऐसा-वैसा कुछ ना होताजैसा होना वैसा होता तू क्यूँ चिंता करे हैं राजाजो रब चाहे वैसा होताG053

ना कोई आँख

ना कोई आँख नम हो ना वफा ही कम होना कभी दूर किसी से उसका सनम हो ऐसी ही…

नींद से जागो

नींद से जागो तो कुछ ख़्वाब दिखाएंदेखो आसमां संग तो महताब दिखाएं ये वो सफ़े हैं जो दूरियों से…

ज़िन्दगी मेरी रब की

ज़िन्दगी मेरी रब की इनायत हो गयीउल्फत मेरी उनकी इबादत हो गयी देखते ही आँचल लपेटना उंगलियों पेये अदा…

आँखों में सेहरा

आँखों में सेहरा लिए समंदर ढूँढते हैंहौसले हमारे देखिए बवंडर ढूँढते हैं लड़ जाये जो तूफ़ानों से सीना तानेअपने…

तू सुकूं है

तू सुकूं है तो ये शरर क्यूँ हैतू नहीं साथ तो ये सफ़र क्यूँ है जिसे देखते ही कयामत…

अभी भी हममे

अभी हममे हिम्मत हमारी बाकी हैकसक बाकी है बेक़रारी बाकी है क्यूँ न तड़पे मन यारा से मिलने कोअभी…

क्यूँ ना आज कुछ

क्यूँ ना आज कुछ यूँ किया जाएतुम्हारी यादों के संग जिया जाए वक़्त को आज अपना बनाया जाएप्यार दिल…

रुठा है यार मेरा

रुठा है यार मेरा मनाऊं कैसेप्यार है बेशुमार पर बताऊं कैसे तू मेरा हमसफर है तू ही हमसायातुझसे दूर…

तुम साथ हो

गर हो तुम साथ बूँद भी बरसात हैसुबह सुहानी शाम मस्तानी मदहोश हर रात है कल-तक तो ज़िन्दगी का हर लम्हा…

तुम ख़ुद को

तुम ख़ुद को मेरी निगाहों से देखोतुम्हें ख़ुद से प्यार हो जाएगा आइने के सामने जब संवरोगी आइना बेकरार हो…

आज का दिन

आज का दिन फिर कहानी हो गयाआना उनका बेईमानी हो गया  न आये न बैठे न दिल की बात कीआना उनका…

शाम-ए-सफर

शाम-ए-सफर में गर हमनशीं का साया भी होज़िन्दगी को यूँ सफ़र में ही गुज़ार दूँ मैं किसे फ़िक़्र यहाँ…

तुम मुझे जीने कि

तुम मुझे जीने कि इक वजह दे दोज़िन्दगी मैं ये तुम पर लुटा दूंगा या मरने का दे दो…

तू न चाहे मुझे

तू न चाहे मुझे तो क्या गम है  तु है मेरी साँसो में क्या कम है तू मुझे याद…

फिर वही मुहब्बत

फिर वही मुहब्बत, फिर वही तरानाये आधी हकीकत, ये आधा फ़साना अकेले मिलने के बहाने बनानाऔर महफिल में हमसे नजरें चुराना दांतो में अपने पल्लू दबाकरइशारों-इशारों में हमको बुलाना बातों ही बातों में उनका अचानकउंगलियों में अपने पल्लू घुमाना आईने में ख़ुद से नज़रें मिलाकरशरमा के अपनी नज़रें झुकाना ख़्वाबों की अपने महफ़िल सजाकरबे- खयाली में उनका गुनगुनाना बातों ही बातों में यूँ ही रूठ जानाअच्छा लगता है उन्हें मेरा मनाना मचलती उमंगो को अपनी दबाकरआँखो में आँसू भर मुस्कुराना जवानी का आलम ये सदियों पुरानासुनाता रहा है जिसे ये ज़माना मुहब्बत में गिरना, गिर के सम्भलनाज़माने का तो काम है ठोकर लगाना ये तेरी कहानी, ये मेरी कहानीहै आधी हकीकत, है आधा फ़साना

तुम्हें हमसे प्यार

तुम्हें हमसे प्यार हो न हो हमें तो हैतुम्हें इन्तज़ार हो न हो हमें तो है हम तुम्हारे हैं…