किसी का प्यार उसको, मिल गया होगाभरी धूप में बरसात का, यही सबब होगा कोई उदास चेहरा फिर, खिल उठा होगाजब कोई भूला ख़यालों से, गुज़र गया होगा वो अपने दीदार-ए-यार, को बेताब होगाजब चाँद ने बादल का, घूँघट किया होगा छुपाए नहीं छुपी होगी, चेहरे की सुर्खियांजब यादों के साए ने, होले से छुआ होगा हवा यूँ ही नहीं महकी, उनकी याद मेंकुछ ना कुछ तो उधर भी, जरूर हुआ होगाG054