मेरी हसरतों को कितना तरसाओगेकभी तो तुम ख़ुद मैं मुझको पाओगे कश्ती मेरी मझधार ले जा तो रहे होडूब गया मैं तुम भी तो डूब जाओगे मैं कतरा ही सही, मेरा कुछ वजूद तो हैमैं न हूँ तो, समंदर क़ो तरस जाओगे मैं वक़्त हूँ, थाम लो मुझे बाहों मेंगुजर गया पल तो, सोचते रह जाओगे अभी तो रात बाकी है, घूम लो आवारासूबह तो तुम लौट के, घर ही आओगे आवाज़ दोगे जब भी दिल के झरोखों सेसामने दिखूँगा जब भी मुझे बुलाओगे जलेगा उम्मीदें-चिरागा, मेरे बुझने तकहर लो में दिखूँगा, जो शमा जलाओगे भूले से भी कोशिश करोगे, भूलने कि मुझेउतना याद आऊंगा, जितना मुझे भुलाओगेG074