Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) घर की दीवारें जब घर की दीवारों मेंजंगल उग जाते हैंतब वो घर, घर नहीं रहतेखंडहर कहलाते हैंचाहे उसमेंलोग ही क्यों…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) समय समय-समय की बात हैमानुष के क्या हाथ है पल में राज दिलाती हैपल में रंक बनाती है इक पल यार…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) इस भरी दुनिया में इस भरी दुनिया में तू किधर जाएगाहोगा ख़ुदा से दूर तो बिखर जाएगा, ख़ुदा सामने होगा जब भी आवाज़…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) तू मेरे संग है तू मेरे संग है तो मुझे क्या गम हैमुश्किलें जितनी भी मिले सब कम है हर दरिया हम हँसकर पार…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) हर त्यौहार को अब हर त्यौहार को अब कुछ यूं मनाया जाएकिसी गरीब के घर का चूल्हा जलाया जाए ज़िन्दगी हमारी रोशनी से…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) वक़्त हर वक़्त का वक़्त हर वक़्त का हिसाब माँगता हैतुम्हारे हर कर्म का जवाब माँगता है कितनी भी उल्फ़त करो वक़्त से मगरबिगड़ा…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) अमर मंथन जब तुमने मुझेखो देने के डर सेअपनी बाहों में जकड़ लिया थातब मैंने स्वयं कोबूंद बूंद पिघलतासागर अनुभव…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) नया रिश्ता मेरा चेहरा प्यार सेभर दिया आपनेरोम-रोम में मीठा चुम्बनजड़ दिया आपनेइस नये रिश्ते कोक्या नाम दूँ मैंहर पुराना नामबेनाम कर…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मेरी चाहत मेरी सदियों पुरानी अधूरी चाहतेंजिसे मैंने हमेशाउसके अधूरे पन के साथ ही जियान जाने क्यों पूरा होने को…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मिलन हर ख्वाब हकीकत नहीं होताहर हकीकत ख्वाब नहीं होतीजिन्दगी में कुछ ऐसे लम्हे आते हैंजब कुछ ख्वाब तो…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मुझे अमृत्व दो ऐसा मेरे साथ ही क्यूँ होता हैकि जब भी मैं मरना सीख जाता हूँतो कोई मुझेएक नई ज़िन्दगी…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) रिश्ता और विश्वास क्यों फैलाया रिश्तों का यहझूठा आडंबर तुमनेअपने इर्द-गिर्दजब तुम हर रिश्ते कोखोखला समझते होहर रिश्ते मैं सिर्फएक मर्द…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) थका नहीं हूँ मैं (भाग-1) थका नहीं हूँ मैं आज भीउम्र पकने के बाद भीदुनियादारी से, लाचारी से, बीमारी से दौड़ता हूँ मैं आज भीउम्र…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) थका नहीं हूँ मैं (भाग-2) थका नहीं हूँ मैं आज भीउम्र पकने के बाद भीदुनियादारी से, लाचारी से, बीमारी से एक चिड़िया मेरी छत…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) उगता प्यार मेरे प्यार नेमेरे प्यार केमिलने से पहलेकुछ प्यारे सपने संजोए थेकुछ प्यारी इच्छाएंअपने दिल में छुपा रखी थीजो…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मोक्ष एक वह भी जमाना थाजब हम चाँद सितारों के पासअक्सर घूमते-घूमतेनिकल जाया करते थेकभी अपने जिस्म कोसाथ ले…
Posted inKavita Short Poem चाँद परछाइयों के पीछे भागने सेचाँद तो बाहों में नहींपाया जा सकता!उसके लिएचाँद की ओर मुंह करकेदोनों हाथ फैलाकरआत्मीय…
Posted inKavita Short Poem प्रतिबिम्ब जब कभी भीतुम्हारी आँखों मेंमैं अपना प्रतिबिम्ब देखता हूँपहचानने की कोशिश करता हूँक्या ये मेरा ही है लेकिन मैंकोशिश…
Posted inKavita Short Poem सत्य सत्य और असत्यदो विलोम शब्दजिनका द्वंद सदियों से है सुना था, पढ़ा थासुनता भी हूँ, पढ़ता भी हूँसत्य की…
Posted inKavita Short Poem तृष्णा अपनी तृष्णाओं की तृप्ति के लिएप्रायः जिस मार्ग काहम अनुसरण करते हैंवो मार्ग सुरसा के मुख की भांतिबढ़ते…