कुछ ही लोग होते हैं

कुछ ही लोग होते हैं

कुछ ही लोग होते है अपने दिल के नवाब
बाकी सब तो करते हैं दुनिया का हिसाब 
 
दोस्ती में जो अपने ख़ुदा को भुला दे
वो ही दोस्ती के काबिल होता है जनाब 
 
चुप रहते है हम जहाँ दोस्ती ना हो 
गैरों को हम देते नही कोई जवाब 
 
परदा नहीं होता कोई दोस्तो के बीच
ना होता है किसी चेहरे पे कोई नक़ाब
 
रूठने-मानाने की दरकार नहीं होती
दोस्ती में विश्वास होता है बेहिसाब
 
दोस्ती ओहदे की मोहताज नहीं होती
ना इसमे कोई रंक है ना कोई नवाब
 
जिससे बात करने को सोचना ना हो 
उस दोस्त को है मेरा दिल से आदाब 
 
कहता है दोस्त जिसे ‘राजा’ इक बार
उसके आगे फीका सारे जहां का शबाब

G013

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