Posted inGhazal/Nazm जिसका गम है Posted by Bhuppi Raja December 1, 2002No Comments जिसका गम है जिसका गम है बस वही जानेदूसरा और कोई क्या जाने वो ना समझे है ना समझेंगे कभीहम फिर भी लगे उनको समझाने हम थे पागल जिस शक्श के लिए वो तो किसी और के ही थे दीवाने जीना तो हर हाल में है मुझको बहुत से कर्ज अभी हैं चुकाने खताएं कुछ ऐसी हमसे हो गईउम्र भर हम भरेंगे हर्जाने कुछ ही पल थे जो मेरे अपने थे बाकी सब थे तो वो बेगाने करते करते दर्दों का हिसाबबेख्याली में लगे मुस्कुराने अँधेरे सब जहाँ से मिट जाएंगेकुछ दिए प्यार के हैं जलानेG005 Post navigation Previous Post बहुत हैं दुनिया मेंNext Postसहरा में मिराज दिखाकर