हर आदमी अकेला

हर आदमी अकेला

हर आदमी अकेला हरआदमी अकेला परेशान बहुत हैइस शहर में दोस्त कम अंजान बहुत हैं आदमी को कामिल नहीं…
सहरा में मिराज दिखाकर

सहरा में मिराज दिखाकर

सहरा में मीराज़ दिखाकर सहरा में मिराज दिखाकर मुझे भटकाने वालेतुम्हीं तो थे मेरे रहबर मुझे राह दिखाने…
जिसका गम है

जिसका गम है

जिसका गम है जिसका गम है बस वही जानेदूसरा और कोई क्या जाने  वो ना समझे है ना समझेंगे…
बहुत हैं दुनिया में

बहुत हैं दुनिया में

बहुत हैं दुनिया मे बहुत है दुनियां मे लोग दर्द बढ़ाने वाले हमसे कहां मिलेंगे मरहम लगाने वाले  लगाते है…
आज यहाँ हर शख़्स

आज यहाँ हर शख़्स

आज यहाँ हर शख़्स आज यहां हर शख़्श शराबी हो जाएगाउसका हर अन्दाज़ नवाबी हो जाएगा पढ़ लो अपना…
फिर वही मुहब्बत

फिर वही मुहब्बत

फिर वही मुहब्बत फिर वही मुहब्बत फिर वही तरानाये आधी हकीकत ये आधा फ़साना अकेले मिलने के बहाने बनानाऔर…
अभी भी हममे

अभी भी हममे

अभी भी हममे अभी हममें हिम्मत हमारी बाकी हैकसक बाकी है बेक़रारी बाकी है उम्र दराज़ हम हो गए…
आँखों में सेहरा

आँखों में सेहरा

आँखों में सेहरा आँखों में सेहरा लिए समंदर ढूँढते हैंहौसले हमारे देखिए बवंडर ढूँढते हैं लड़ जाये जो तूफ़ानों…
ज़िन्दगी मेरी रब की

ज़िन्दगी मेरी रब की

ज़िन्दगी मेरी रब की जिंदगी मेरी रब की इनायत हो गयीउल्फत मेरी उनकी इबादत हो गयी देखते हि आँचल…
ना कोई आँख

ना कोई आँख

ना कोई आँख ना कोई आँख नम हो ना वफा कम होना कभी किसी से दूर उसका सनम…
काश मैं भी

काश मैं भी

काश मैं भी काश! मैं भी ऐसा होता कह देता मन जैसा होता इतनी हिम्मत मुझमें होतीमैं भी तेरे जैसा…
अपने चेहरे को

अपने चेहरे को

अपने चेहरे को अपने चेहरे को गर दिल का आईना बनाइए तो लोगों के पत्थरों से बचकर दिखाइए दर्द जितने…
कश्ती मेरी कितना

कश्ती मेरी कितना

कश्ती मेरी कितना किश्ती मेरी और कितना मझधार में ले जाओगे मैंडूब गया तो तुम भी कहाँ बच पाओगे  मैं…
यूँ मेरा कत्ल

यूँ मेरा कत्ल

यूँ मेरा कत्ल यू मेरा कत्ल करवाने की ज़रूरत क्या थीइतनी  ज़हमत  उठाने की ज़रूरत क्या थी हम  ख़ुद…
नशा रूहानी

नशा रूहानी

नशा रूहानी नशा रूहानी चाहिएतो जाम रूहानी पी जो होगा उसकी रजातू मस्त जवानी जी… चिंता करके कल किकाहे गवाएं…
बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमने बहुत गुनाह किए हमनेबहुत फ़साने जिए हमने ज़िन्दगी यूँ  ही  कटी बहुत आँसू पिए हमने बेशुमार कीमत…
कोई बस्ती तो होगी

कोई बस्ती तो होगी

कोई बस्ती तो होगी कोई बस्ती तो होगी जहाँ लोग दीवाने होंगेखुशबुएँ फ़िज़ा में होगी और सब मस्ताने…