Posted inGhazal/Nazm ज़िन्दगी आराम का सामान ज़िन्दगी आराम का सामान ज़िन्दगी आराम का सामान बन के रह गयीआरज़ू इक घर की थी मकान बन …
Posted inGhazal/Nazm हर आदमी अकेला हर आदमी अकेला हरआदमी अकेला परेशान बहुत हैइस शहर में दोस्त कम अंजान बहुत हैं आदमी को कामिल नहीं…
Posted inGhazal/Nazm सहरा में मिराज दिखाकर सहरा में मीराज़ दिखाकर सहरा में मिराज दिखाकर मुझे भटकाने वालेतुम्हीं तो थे मेरे रहबर मुझे राह दिखाने…
Posted inGhazal/Nazm जिसका गम है जिसका गम है जिसका गम है बस वही जानेदूसरा और कोई क्या जाने वो ना समझे है ना समझेंगे…
Posted inGhazal/Nazm बहुत हैं दुनिया में बहुत हैं दुनिया मे बहुत है दुनियां मे लोग दर्द बढ़ाने वाले हमसे कहां मिलेंगे मरहम लगाने वाले लगाते है…
Posted inGhazal/Nazm आज यहाँ हर शख़्स आज यहाँ हर शख़्स आज यहां हर शख़्श शराबी हो जाएगाउसका हर अन्दाज़ नवाबी हो जाएगा पढ़ लो अपना…
Posted inGhazal/Nazm फिर वही मुहब्बत फिर वही मुहब्बत फिर वही मुहब्बत फिर वही तरानाये आधी हकीकत ये आधा फ़साना अकेले मिलने के बहाने बनानाऔर…
Posted inGhazal/Nazm अभी भी हममे अभी भी हममे अभी हममें हिम्मत हमारी बाकी हैकसक बाकी है बेक़रारी बाकी है उम्र दराज़ हम हो गए…
Posted inGhazal/Nazm आँखों में सेहरा आँखों में सेहरा आँखों में सेहरा लिए समंदर ढूँढते हैंहौसले हमारे देखिए बवंडर ढूँढते हैं लड़ जाये जो तूफ़ानों…
Posted inGhazal/Nazm ज़िन्दगी मेरी रब की ज़िन्दगी मेरी रब की जिंदगी मेरी रब की इनायत हो गयीउल्फत मेरी उनकी इबादत हो गयी देखते हि आँचल…
Posted inGhazal/Nazm काश मैं भी काश मैं भी काश! मैं भी ऐसा होता कह देता मन जैसा होता इतनी हिम्मत मुझमें होतीमैं भी तेरे जैसा…
Posted inGhazal/Nazm अपने चेहरे को अपने चेहरे को अपने चेहरे को गर दिल का आईना बनाइए तो लोगों के पत्थरों से बचकर दिखाइए दर्द जितने…
Posted inGhazal/Nazm कश्ती मेरी कितना कश्ती मेरी कितना किश्ती मेरी और कितना मझधार में ले जाओगे मैंडूब गया तो तुम भी कहाँ बच पाओगे मैं…
Posted inGhazal/Nazm यूँ मेरा कत्ल यूँ मेरा कत्ल यू मेरा कत्ल करवाने की ज़रूरत क्या थीइतनी ज़हमत उठाने की ज़रूरत क्या थी हम ख़ुद…
Posted inGhazal/Nazm नशा रूहानी नशा रूहानी नशा रूहानी चाहिएतो जाम रूहानी पी जो होगा उसकी रजातू मस्त जवानी जी… चिंता करके कल किकाहे गवाएं…
Posted inGhazal/Nazm बहुत गुनाह किए हमने बहुत गुनाह किए हमने बहुत गुनाह किए हमनेबहुत फ़साने जिए हमने ज़िन्दगी यूँ ही कटी बहुत आँसू पिए हमने बेशुमार कीमत…
Posted inGhazal/Nazm कोई बस्ती तो होगी कोई बस्ती तो होगी कोई बस्ती तो होगी जहाँ लोग दीवाने होंगेखुशबुएँ फ़िज़ा में होगी और सब मस्ताने…
Posted inGhazal/Nazm कुछ ही लोग होते हैं कुछ ही लोग होते हैं कुछ ही लोग होते है अपने दिल के नवाबबाकी सब तो करते हैं…
Posted inGhazal/Nazm कोई मुझको मेरी खता कोई मुझको मेरी खता कोई मुझको मेरी खता तो बता दो फिर तुम मुझे जो भी चाहे सजा दो हर…