अपने चेहरे को

अपने चेहरे को

अपने चेहरे को गर दिल का आईना बनाइए 
तो लोगों के पत्थरों से बचकर दिखाइए
 
दर्द जितने भी हों दिल में मुस्कुराते रहिए
गर रो पड़े तो बिखरने से बचकर दिखाइए
 
किसी को बदलने की कोशिश ना कर नासमझ 
खुद की फितरत तो पहले बदल कर दिखाइए 
    
ज़ख्म जितने भी मिले तुमको छुपाए रखिए
ज़ख्मो की ना सरे-आम नुमाइश लगाइए  
 
दर्द की नुमाइश मे सुकूं मत तालाश कर 
दर्द को लम्हा-लम्हा पी कर दिखाइए
 

*नासूर- ऐसा घाव जिसमें से बराबर मवाद निकलता हो, नाड़ी व्रण
*नुमाइश- दिखावट, प्रदर्शन, प्रदर्शनी

G058

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