Posted inGhazal/Nazm बहुत गुनाह किए हमने Posted by Bhuppi Raja November 1, 2001No Comments बहुत गुनाह किए हमने बहुत गुनाह किए हमनेबहुत फ़साने जिए हमने ज़िन्दगी यूँ ही कटी बहुत आँसू पिए हमने बेशुमार कीमत चुकायी हैदर्द गहरे लिए हमने कौन किसका साथी है ज़ख़्म ख़ुद ही सिए हमने किसने दिया कितना दर्दकहाँ हिसाब किए हमने कुछ क़र्ज़ चुकाने के लिए सपने सब बेच दिए हमने तुम्हीं क़ातिल तुम्हीं मुन्सिफ़फैसले सब सर लिए हमने अधूरे ख्वाब कहाँ पुरे हुए सूली सब भेट किए हमने आत्म मंथन के जहर के घड़े सब पी लिए हमने कुछ रिश्ते बचाने के लिएगुनाह सब सर लिए हमने आखिरी कदम साथ दे दो तन्हा सफर हि किये हमनेG010 Post navigation Previous Post कोई बस्ती तो होगीNext Postनशा रूहानी