बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमने
बहुत फ़साने जिए हमने
 
ज़िन्दगी यूँ  ही  कटी 
बहुत आँसू पिए हमने
 
बेशुमार कीमत चुकायी है
दर्द गहरे लिए हमने 
 
कौन किसका साथी है 
ज़ख़्म ख़ुद ही सिए हमने
 
किसने दिया कितना दर्द
कहाँ हिसाब किए हमने 
 
कुछ क़र्ज़ चुकाने के लिए 
सपने सब बेच दिए हमने 
 
तुम्हीं क़ातिल तुम्हीं मुन्सिफ़
फैसले सब सर लिए हमने 
 
अधूरे ख्वाब कहाँ पुरे हुए 
सूली सब भेट किए हमने
 
आत्म मंथन के जहर के 
घड़े सब पी लिए हमने
 
कुछ रिश्ते बचाने के लिए
गुनाह सब सर लिए हमने 
 
आखिरी कदम साथ दे दो 
तन्हा सफर हि किये हमने

G010

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