बहुत हैं दुनिया में

बहुत हैं दुनिया में

बहुत है दुनियां मे लोग, दर्द बढ़ाने वाले हमसे कहां मिलेंगे, मरहम लगाने वाले  लगाते है लोग रोज, दर्दो की…
क्यूँ तुम मुझमें

क्यूँ तुम मुझमें

क्यों तुम मुझ में अपना, ख़ुदा ढूढ़ते होआप भी न जाने ये, क्या ढूढ़ते हो मुझको तो अपनी ही…
बेखयाली  में बरहा

बेखयाली  में बरहा

बेख्याँली में बरहा, वो ये भूल जाते हैंनशेमन हो शबाब तो, रिंदे लूट जाते है मोहँब्बत नहीं आसान, ये…
जिसका गम है

जिसका गम है

जिसका गम हैं बस वही जानेदूसरा और कोई क्या जाने  वो ना समझे है ना समझेंगे कभीहम फिर भी…
ये भी क्या बात हुई

ये भी क्या बात हुई

यें भी क्या बात हुई, की वो बात नहीं करते पहले जैसी हमसे वो, मुलाक़ात नहीं करते  ये उनकी बेरूख…
सहरा में मिराज दिखाकर

सहरा में मिराज दिखाकर

सहरा में मीराज़ दिखाकर, मुझे भटकाने वालेतुम्हीं तो थे मेरे रहबर, मुझे राह दिखाने वाले  बहोत खुश ना हो…
हर आदमी अकेला

हर आदमी अकेला

हर आदमी अकेला, परेशान बहुत हैं इस शहर में दोस्त कम, अनजान बहुत हैं  आदमी को कामिल नहीं, कतरा भी…
बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमनेबहुत आँसू पिए हमने ज़िन्दगी यूँ ही नहीं कटी बहुत अफ़साने जिए हमने बेशुमार कीमत चुकायी हैदर्द…
मेरे शहर के लोग

मेरे शहर के लोग

क्यूँ मोहब्बत में हकीकत ढूंढते हैं लोग कितने नादां है यारों, मेरे शहर के लोग हर वक़्त जीने के बहाने,…
कोई बस्ती तो होगी

कोई बस्ती तो होगी

कोई बस्ती तो होगी, जहाँ लोग दींवाने होंगेमूहब्बते फ़िज़ा में होगी, सब मस्ताने होंगेना वस्ल-ए-खौफ़होगा, ना दूरिया कोई…
ना ज़फा में तड़पे

ना ज़फा में तड़पे

ना ज़फा में तड़पे, ना वफ़ा में मुस्कुराएऐसी भी ज़िन्दगी, क्या ज़िन्दगी कहलाए मोहब्बत की बारिश, में जो भीगी न होवो ज़िन्दगी भी, अधूरी रह जाए बाग़-बाग़ हंसना, कभी दरिया-दरिया रोनाये निशानियां ही, तो दीवानगी कहलाये मिलने कि तड़प, कभी दुनिया का डरये भी न छूट पाए, वो भी न छूट पाए मोहब्बत के मारों पे, सितम तो यही हैवो मिलते भी हैं, पर मिल न पाए मोहब्बत-मोहब्बत, मोहब्बत-मोहब्बतहम ही नहीं समझे, तो कैसे समझाएं
दूर से पूछोगे हाल

दूर से पूछोगे हाल

दूर से पूछोगे हाल, तो अच्छा ही बताएँगेआओगे थोड़ा पास, तो दिल खोल के दिखाएँगे नज़रो से करोगे सवाल,…
कुछ गम नहीं

कुछ गम नहीं

कुछ गम नहीं जो मौत गले लगा लेगर इक घड़ी भी मुझे अपना बना ले जल सकता हूँ मैं…
हमने इक शाम

हमने इक शाम

हमने इक शाम सुर्ख फूलों से सजायी हैऔर तुमने हो कि ना आने की कसम खायी है दुआ होगी…
तेरे कदमों में

तेरे कदमों में

तेरे कदमो में मेरा ये सर होगा कहा ऐसा मेरा ये मुक्द्दर होगा तू तसस्वुर है मेरे ही खयालो…
चाँद से सूरज से

चाँद से सूरज से

चाँद से सूरज से जिससे भी यारी रखिएबस इस दिल में थोड़ी जगह हमारी रखिए जानते है हम कि…