Posted inKavita Short Poem मृगतृष्णा मृगतृष्णा कब तक भटकेगीकब तक उसका लहू टपकेगाकब तक उसकी सांस चलेगीकितना दौड़ पाएगी वोरिसते जख्मों के साथ ज़माना…
Posted inKavita Short Poem बड़ी मुश्किल से बड़ी मुश्किल सेचलना सीखा हैकदम दो कदममुझे कदम-कदमसहारा देकरअपाहिज न बना दो गिरूंगा, उठूंगा,दौडूंगा भी एक दिन मुझे कमजोर ना…
Posted inKavita Short Poem मैं जब-जब जला मैं जब-जब जलाबाती संग जला,जब खत्म हुआ तेलबुझना ही पड़ा, क्या मेरा जीवन यूं हीअकारथ गयानहीं मैंने रोशनी भी…
Posted inKavita Short Poem होश आया तो होश आया तोबेहोश हो चुका थालहू का आखिरी कतरा भीटपक चुका थाउन्हें देखकरजीने की ललक जागी थीघर का…
Posted inKavita Short Poem तू मुझ में नहीं तू मुझ में नहीं तो किसमें हैतेरा रहमो-करमतो हर शख्स पे हैमैं भी तेरे जहाँ का इक हिस्सा…
Posted inKavita Short Poem शम्मा के साथ शम्मा के साथजब किसीबेबस की आँख सेआँसू टपकते हैं, तब हम लोग उसेकैनवास में उतार करमोनालिसा बना देते हैं, और…
Posted inKavita Short Poem कितना अकेला कितना अकेला होता हूंजब तुम्हारे साथ होता हूं,कितने आंसू पीता हूंजब मुस्कुराहटे बिखेरता हूं, गुनहगार कहलाता हूंजब कोई गुनाह…
Posted inDard Kavita इन्तज़ार क्यूँ इन्तज़ार करता है नासमझक्यूँ राह तकता है नासमझकिसी का बेकरारी सेयहाँ कोई नहीं आयेगातुझे श्रद्धा सुमन अर्पित…
Posted inDard Kavita मुझे अपना जिस्म मुझे अपना जिस्म बनालोअपने जिस्म का हर निशाँमेरे जिस्म पर बना दो मुझे अपना आईना बनाआँखों में बसालोगर बन…
Posted inDard Kavita नैना बरसत जाए नैना बरसत जाए हाएपिया घर न आए हाए... कल तक जो मेरा संगी थाआज दूर हो जाए हाए... इस सावन…
Posted inDohe भुप्पी राजा दोहे भाग-२ अंदर तेरे राम है, तुझको नजर ना आए मन की गांठे खोल दे, जीवन मुक्त हो जाए……
Posted inDohe भुप्पी राजा दोहे भाग-१ दया धर्म का मूल है, करुणा दियो जगाए जिस मन करुणा नहीं, निरा ठूठ रह जाए… …
Posted inGhazal/Nazm बहुत हैं दुनिया में बहुत है दुनियां मे लोग, दर्द बढ़ाने वाले हमसे कहां मिलेंगे, मरहम लगाने वाले लगाते है लोग रोज, दर्दो की…
Posted inGhazal/Nazm क्यूँ तुम मुझमें क्यों तुम मुझ में अपना, ख़ुदा ढूढ़ते होआप भी न जाने ये, क्या ढूढ़ते हो मुझको तो अपनी ही…
Posted inGhazal/Nazm बेखयाली में बरहा बेख्याँली में बरहा, वो ये भूल जाते हैंनशेमन हो शबाब तो, रिंदे लूट जाते है मोहँब्बत नहीं आसान, ये…
Posted inGhazal/Nazm जिसका गम है जिसका गम हैं बस वही जानेदूसरा और कोई क्या जाने वो ना समझे है ना समझेंगे कभीहम फिर भी…
Posted inGhazal/Nazm ये भी क्या बात हुई यें भी क्या बात हुई, की वो बात नहीं करते पहले जैसी हमसे वो, मुलाक़ात नहीं करते ये उनकी बेरूख…
Posted inGhazal/Nazm सहरा में मिराज दिखाकर सहरा में मीराज़ दिखाकर, मुझे भटकाने वालेतुम्हीं तो थे मेरे रहबर, मुझे राह दिखाने वाले बहोत खुश ना हो…
Posted inGhazal/Nazm हर आदमी अकेला हर आदमी अकेला, परेशान बहुत हैं इस शहर में दोस्त कम, अनजान बहुत हैं आदमी को कामिल नहीं, कतरा भी…
Posted inGhazal/Nazm ज़िन्दगी आराम का सामान ज़िन्दगी आराम का, सामान बन के रह गयीआरजू इक घर की थी, मकान बन के रह गयी उड़ते थे…