रिश्ता और विश्वास

रिश्ता और विश्वास

क्यों फैलाया रिश्तों का यहझूठा आडंबर तुमनेअपने इर्द-गिर्दजब तुम हर रिश्ते कोखोखला समझते होहर रिश्ते मैं सिर्फएक मर्द…
उगता प्यार

उगता प्यार

मेरे प्यार नेमेरे प्यार केमिलने से पहलेकुछ प्यारे सपने संजोए थेकुछ प्यारी इच्छाएंअपने दिल में छुपा रखी थीजो…
मोक्ष

मोक्ष

एक वह भी जमाना थाजब हम चाँद सितारों के पासअक्सर घूमते-घूमतेनिकल जाया करते थेकभी अपने जिस्म कोसाथ ले…
चाँद

चाँद

परछाइयों के पीछे भागने सेचाँद तो बाहों में नहींपाया जा सकता!उसके लिएचाँद की ओर मुंह करकेदोनों हाथ फैलाकरआत्मीय…
प्रतिबिम्ब

प्रतिबिम्ब

जब कभी भीतुम्हारी आँखों मेंमैं अपना प्रतिबिम्ब देखता हूँपहचानने की कोशिश करता हूँक्या ये मेरा ही है लेकिन मैंकोशिश…
सत्य

सत्य

सत्य और असत्यदो विलोम शब्दजिनका द्वंद सदियों से है सुना था, पढ़ा थासुनता भी हूँ, पढ़ता भी हूँसत्य की…
तृष्णा

तृष्णा

अपनी तृष्णाओं की तृप्ति के लिएप्रायः जिस मार्ग काहम अनुसरण करते हैंवो मार्ग सुरसा के मुख की भांतिबढ़ते…
मृगतृष्णा

मृगतृष्णा

मृगतृष्णा कब तक भटकेगीकब तक उसका लहू टपकेगाकब तक उसकी सांस चलेगीकितना दौड़ पाएगी वोरिसते जख्मों के साथ ज़माना…
बड़ी मुश्किल से

बड़ी मुश्किल से

बड़ी मुश्किल सेचलना सीखा हैकदम दो कदममुझे कदम-कदमसहारा देकरअपाहिज न बना दो गिरूंगा, उठूंगा,दौडूंगा भी एक दिन मुझे कमजोर ना…
मैं जब-जब जला

मैं जब-जब जला

मैं जब-जब जलाबाती संग जला,जब खत्म हुआ तेलबुझना ही पड़ा, क्या मेरा जीवन यूं हीअकारथ गयानहीं मैंने रोशनी भी…
होश आया तो

होश आया तो

होश आया तोबेहोश हो चुका थालहू का आखिरी कतरा भीटपक चुका थाउन्हें देखकरजीने की ललक जागी थीघर का…
तू मुझ में नहीं

तू मुझ में नहीं

तू मुझ में नहीं तो किसमें हैतेरा रहमो-करमतो हर शख्स पे हैमैं भी तेरे जहाँ का इक हिस्सा…
शम्मा के साथ

शम्मा के साथ

शम्मा के साथजब किसीबेबस की आँख सेआँसू टपकते हैं, तब हम लोग उसेकैनवास में उतार करमोनालिसा बना देते हैं, और…
कितना अकेला

कितना अकेला

कितना अकेला होता हूंजब तुम्हारे साथ होता हूं,कितने आंसू पीता हूंजब मुस्कुराहटे बिखेरता हूं, गुनहगार कहलाता हूंजब कोई गुनाह…
इन्तज़ार

इन्तज़ार

क्यूँ इन्तज़ार करता है नासमझक्यूँ राह तकता है नासमझकिसी का बेकरारी सेयहाँ कोई नहीं आयेगातुझे श्रद्धा सुमन अर्पित…
मुझे अपना जिस्म

मुझे अपना जिस्म

मुझे अपना जिस्म बनालोअपने जिस्म का हर निशाँमेरे जिस्म पर बना दो मुझे अपना आईना बनाआँखों में बसालोगर बन…
नैना बरसत जाए

नैना बरसत जाए

नैना बरसत जाए हाएपिया घर न आए हाए... कल तक जो मेरा संगी थाआज दूर हो जाए हाए... इस सावन…