Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) रिश्ता और विश्वास क्यों फैलाया रिश्तों का यहझूठा आडंबर तुमनेअपने इर्द-गिर्दजब तुम हर रिश्ते कोखोखला समझते होहर रिश्ते मैं सिर्फएक मर्द…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) थका नहीं हूँ मैं (भाग-1) थका नहीं हूँ मैं आज भीउम्र पकने के बाद भीदुनियादारी से, लाचारी से, बीमारी से दौड़ता हूँ मैं आज भीउम्र…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) थका नहीं हूँ मैं (भाग-2) थका नहीं हूँ मैं आज भीउम्र पकने के बाद भीदुनियादारी से, लाचारी से, बीमारी से एक चिड़िया मेरी छत…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) उगता प्यार मेरे प्यार नेमेरे प्यार केमिलने से पहलेकुछ प्यारे सपने संजोए थेकुछ प्यारी इच्छाएंअपने दिल में छुपा रखी थीजो…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मोक्ष एक वह भी जमाना थाजब हम चाँद सितारों के पासअक्सर घूमते-घूमतेनिकल जाया करते थेकभी अपने जिस्म कोसाथ ले…
Posted inKavita Short Poem चाँद परछाइयों के पीछे भागने सेचाँद तो बाहों में नहींपाया जा सकता!उसके लिएचाँद की ओर मुंह करकेदोनों हाथ फैलाकरआत्मीय…
Posted inKavita Short Poem प्रतिबिम्ब जब कभी भीतुम्हारी आँखों मेंमैं अपना प्रतिबिम्ब देखता हूँपहचानने की कोशिश करता हूँक्या ये मेरा ही है लेकिन मैंकोशिश…
Posted inKavita Short Poem सत्य सत्य और असत्यदो विलोम शब्दजिनका द्वंद सदियों से है सुना था, पढ़ा थासुनता भी हूँ, पढ़ता भी हूँसत्य की…
Posted inKavita Short Poem तृष्णा अपनी तृष्णाओं की तृप्ति के लिएप्रायः जिस मार्ग काहम अनुसरण करते हैंवो मार्ग सुरसा के मुख की भांतिबढ़ते…
Posted inKavita Short Poem मृगतृष्णा मृगतृष्णा कब तक भटकेगीकब तक उसका लहू टपकेगाकब तक उसकी सांस चलेगीकितना दौड़ पाएगी वोरिसते जख्मों के साथ ज़माना…
Posted inKavita Short Poem बड़ी मुश्किल से बड़ी मुश्किल सेचलना सीखा हैकदम दो कदममुझे कदम-कदमसहारा देकरअपाहिज न बना दो गिरूंगा, उठूंगा,दौडूंगा भी एक दिन मुझे कमजोर ना…
Posted inKavita Short Poem मैं जब-जब जला मैं जब-जब जलाबाती संग जला,जब खत्म हुआ तेलबुझना ही पड़ा, क्या मेरा जीवन यूं हीअकारथ गयानहीं मैंने रोशनी भी…
Posted inKavita Short Poem होश आया तो होश आया तोबेहोश हो चुका थालहू का आखिरी कतरा भीटपक चुका थाउन्हें देखकरजीने की ललक जागी थीघर का…
Posted inKavita Short Poem तू मुझ में नहीं तू मुझ में नहीं तो किसमें हैतेरा रहमो-करमतो हर शख्स पे हैमैं भी तेरे जहाँ का इक हिस्सा…
Posted inKavita Short Poem शम्मा के साथ शम्मा के साथजब किसीबेबस की आँख सेआँसू टपकते हैं, तब हम लोग उसेकैनवास में उतार करमोनालिसा बना देते हैं, और…
Posted inKavita Short Poem कितना अकेला कितना अकेला होता हूंजब तुम्हारे साथ होता हूं,कितने आंसू पीता हूंजब मुस्कुराहटे बिखेरता हूं, गुनहगार कहलाता हूंजब कोई गुनाह…
Posted inDard Kavita इन्तज़ार क्यूँ इन्तज़ार करता है नासमझक्यूँ राह तकता है नासमझकिसी का बेकरारी सेयहाँ कोई नहीं आयेगातुझे श्रद्धा सुमन अर्पित…
Posted inDard Kavita मुझे अपना जिस्म मुझे अपना जिस्म बनालोअपने जिस्म का हर निशाँमेरे जिस्म पर बना दो मुझे अपना आईना बनाआँखों में बसालोगर बन…
Posted inDard Kavita नैना बरसत जाए नैना बरसत जाए हाएपिया घर न आए हाए... कल तक जो मेरा संगी थाआज दूर हो जाए हाए... इस सावन…