अमर मंथन

अमर मंथन

अमर मंथन जब तुमने मुझेखो देने के डर सेअपनी बाहों में जकड़ लिया थातब मैंने स्वयं कोबूंद बूंद…
नया रिश्ता

नया रिश्ता

नया रिश्ता मेरा चेहरा प्यार सेभर दिया आपनेरोम-रोम में मीठा चुम्बनजड़ दिया आपनेइस नये रिश्ते कोक्या नाम दूँ मैंहर पुराना…
मेरी चाहत

मेरी चाहत

मेरी चाहत मेरी सदियों पुरानी अधूरी चाहतेंजिसे मैंने हमेशाउसके अधूरे पन के साथ ही जियान जाने क्यों पूरा…
मिलन

मिलन

मिलन हर ख्वाब हकीकत नहीं होताहर हकीकत ख्वाब नहीं होतीजिन्दगी में कुछ ऐसे लम्हे आते हैंजब कुछ ख्वाब…
रिश्ता और विश्वास

रिश्ता और विश्वास

रिश्ता और विश्वास क्यों फैलाया रिश्तों का यहझूठा आडंबर तुमनेअपने इर्द-गिर्दजब तुम हर रिश्ते कोखोखला समझते होहर रिश्ते…
उगता प्यार

उगता प्यार

उगता प्यार मेरे प्यार नेमेरे प्यार केमिलने से पहलेकुछ प्यारे सपने संजोए थेकुछ प्यारी इच्छाएंअपने दिल में छुपा…
मोक्ष

मोक्ष

मोक्ष एक वह भी जमाना थाजब हम चाँद सितारों के पासअक्सर घूमते-घूमतेनिकल जाया करते थेकभी अपने जिस्म कोसाथ…