Posted inKavita जिसकी राहों में कांटे हो जिसकी राहों में कांटे हो जिसकी राहों में कांटे हो और राही भी अंधा हो टूटी सांसो से कब तक…
Posted inKavita ज़िन्दगी ज़िन्दगी ज़िन्दगी तू क्यूँ रेत बन गयीमैं जब-जब तुझेअपनी मुट्ठी में भरकरमनचाहा आकार देना चाहता हूँतू रीत जाती…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) मर्द मर्द क्या तुमने कभी देखा हैकिसी मर्द का चेहराआँसुओं में डूबा हुआ नहीं देखा ना!अरे वो मर्द ही क्याजिसका…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) नेकी नेकी कहते हैं तुम्हारी नेकीकिसी न किसी दिनकिसी न किसी रूप मेंतुम तक जरूर वापस आती है मुझे अपनी…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) कितना मुश्किल कितना मुश्किल अंदर और बाहर केप्रदूषण और शोर मेंकाला धुँआ फेंकतेविचारों के पीछे छिपेस्याह चेहरों में सेअपना वर्तमान…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) शब्दों का जिस्म शब्दों का जिस्म सिर्फ शब्द नहीं होती सोचसिर्फ जिस्म नहीं होती सोचउसमें एक जान भी होती हैजो रूह…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) नया जिस्म नया जिस्म दूर तक जातीवीरान सूखी नदीजानवरों केअधखाए कंकालपक्षियों के मांस नोचते जमघटगुर्राते और मिमियातेकुत्तों के बीचमैं स्वयं…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) आसमानी परिंदे आसमानी परिंदे अभी तुम्हारी जिन्दगी में साज़ नहींअभी तुम्हारे गले में आवाज नहींहम तुम्हें कहीं ना नज़र आएंगेहम…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) घर की दीवारें घर की दीवारें जब घर की दीवारों मेंजंगल उग जाते हैंतब वो घर, घर नहीं रहतेखंडहर कहलाते हैंचाहे…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) अमर मंथन अमर मंथन जब तुमने मुझेखो देने के डर सेअपनी बाहों में जकड़ लिया थातब मैंने स्वयं कोबूंद बूंद…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) नया रिश्ता नया रिश्ता मेरा चेहरा प्यार सेभर दिया आपनेरोम-रोम में मीठा चुम्बनजड़ दिया आपनेइस नये रिश्ते कोक्या नाम दूँ मैंहर पुराना…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मेरी चाहत मेरी चाहत मेरी सदियों पुरानी अधूरी चाहतेंजिसे मैंने हमेशाउसके अधूरे पन के साथ ही जियान जाने क्यों पूरा…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मिलन मिलन हर ख्वाब हकीकत नहीं होताहर हकीकत ख्वाब नहीं होतीजिन्दगी में कुछ ऐसे लम्हे आते हैंजब कुछ ख्वाब…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मुझे अमृत्व दो मुझे अमृत्व दो ऐसा मेरे साथ ही क्यूँ होता हैकि जब भी मैं मरना सीख जाता हूँतो कोई…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) रिश्ता और विश्वास रिश्ता और विश्वास क्यों फैलाया रिश्तों का यहझूठा आडंबर तुमनेअपने इर्द-गिर्दजब तुम हर रिश्ते कोखोखला समझते होहर रिश्ते…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) थका नहीं हूँ मैं (भाग-1) थका नहीं हूँ मैं (भाग-1) थका नहीं हूँ मैं आज भीउम्र पकने के बाद भीदुनियादारी से, लाचारी से, बीमारी…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) थका नहीं हूँ मैं (भाग-2) थका नहीं हूँ मैं (भाग-2) थका नहीं हूँ मैं आज भीउम्र पकने के बाद भीदुनियादारी से, लाचारी से,…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) उगता प्यार उगता प्यार मेरे प्यार नेमेरे प्यार केमिलने से पहलेकुछ प्यारे सपने संजोए थेकुछ प्यारी इच्छाएंअपने दिल में छुपा…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मोक्ष मोक्ष एक वह भी जमाना थाजब हम चाँद सितारों के पासअक्सर घूमते-घूमतेनिकल जाया करते थेकभी अपने जिस्म कोसाथ…
Posted inKavita Social आत्मसाक्षात्कार आत्मसाक्षात्कार यह तो विदित हैकि मैं किशोरी नहींयुवा हूँ, वृद्धा हूँ या अधेड़ा!सलीब पर लटकी मेरी हर सुबहकचोट…