बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमने

बहुत गुनाह किए हमनेबहुत आँसू पिए हमने ज़िन्दगी यूँ ही नहीं कटी बहुत अफ़साने जिए हमने बेशुमार कीमत चुकायी हैदर्द…
मेरे शहर के लोग

मेरे शहर के लोग

क्यूँ मोहब्बत में हकीकत ढूंढते हैं लोग कितने नादां है यारों, मेरे शहर के लोग हर वक़्त जीने के बहाने,…
कोई बस्ती तो होगी

कोई बस्ती तो होगी

कोई बस्ती तो होगी, जहाँ लोग दींवाने होंगेमूहब्बते फ़िज़ा में होगी, सब मस्ताने होंगेना वस्ल-ए-खौफ़होगा, ना दूरिया कोई…
ना ज़फा में तड़पे

ना ज़फा में तड़पे

ना ज़फा में तड़पे, ना वफ़ा में मुस्कुराएऐसी भी ज़िन्दगी, क्या ज़िन्दगी कहलाए मोहब्बत की बारिश, में जो भीगी न होवो ज़िन्दगी भी, अधूरी रह जाए बाग़-बाग़ हंसना, कभी दरिया-दरिया रोनाये निशानियां ही, तो दीवानगी कहलाये मिलने कि तड़प, कभी दुनिया का डरये भी न छूट पाए, वो भी न छूट पाए मोहब्बत के मारों पे, सितम तो यही हैवो मिलते भी हैं, पर मिल न पाए मोहब्बत-मोहब्बत, मोहब्बत-मोहब्बतहम ही नहीं समझे, तो कैसे समझाएं
दूर से पूछोगे हाल

दूर से पूछोगे हाल

दूर से पूछोगे हाल, तो अच्छा ही बताएँगेआओगे थोड़ा पास, तो दिल खोल के दिखाएँगे नज़रो से करोगे सवाल,…
कुछ गम नहीं

कुछ गम नहीं

कुछ गम नहीं जो मौत गले लगा लेगर इक घड़ी भी मुझे अपना बना ले जल सकता हूँ मैं…
हमने इक शाम

हमने इक शाम

हमने इक शाम सुर्ख फूलों से सजायी हैऔर तुमने हो कि ना आने की कसम खायी है दुआ होगी…
तेरे कदमों में

तेरे कदमों में

तेरे कदमो में मेरा ये सर होगा कहा ऐसा मेरा ये मुक्द्दर होगा तू तसस्वुर है मेरे ही खयालो…
चाँद से सूरज से

चाँद से सूरज से

चाँद से सूरज से जिससे भी यारी रखिएबस इस दिल में थोड़ी जगह हमारी रखिए जानते है हम कि…

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी तू क्यूँ रेत बन गयीमैं जब-जब तुझे अपनी मुठ्ठी में भरकर मनचाहा आकार देना चाहता हूंतू रीत जाती है क्या…