जिसका गम हैं बस वही जाने
दूसरा और कोई क्या जाने
वो ना समझे है ना समझेंगे कभी
हम फिर भी लगे उनको समझाने
हम थे पागल जिस किसी के लिए
वो तो किसी और के ही थे दीवाने
जीना तो हर हाल में है मुझको
बहुत से कर्ज अभी हैं चुकाने
खताऐ कुछ ऐसी हमसे हो गई
उम्र भर भरते रहेगे हर्जाने
कुछ ही पल थे जो मेरे अपने थे
बाकी सब थे तो वो बेगाने
करते करते दर्दो का हिसाब
बेख्याली में लगे मुस्कुराने
अँधेरे सब जहाँ से मिट जाएंगे
कुछ दिए प्यार के है जलाने
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