Posted inGhazal/Nazm चाँद से सूरज से Posted by Bhuppi Raja January 1, 2001No Comments चाँद से सूरज से जिससे भी यारी रखिएबस इस दिल में थोड़ी जगह हमारी रखिए जानते है हम कि गुल किन क़िताबों में हैं आप तो बस अपनी तफ़्तीश जारी रखिए मुफ़लिसि में जेबें भी फट जाया करती हैआप इनमे कभी थोड़ी, तो रेज़गारी रखिए समझा नहीं सकते तुम, हमें अपनी दलीलों से आप तों बस अपनी तफ्तीश जारी रखिए आईने के सामने हम से ही करोगे बातेंइन सुरमई आँखों में तस्वीर हमारी रखिए बेखुदी में क्या मज़ा है जल्द जान जाओगे बस अपने दिल में थोड़ी बेकरारी रखिए खुशबु साँसों में होंगी महक फिज़ाओ में अपने दिल में इक फूलो कि क्यारी रखिए सब शिकवे भूला कर हम, तुम्हें गले लगा लेगे आप अपने घर पे भी, कभी इफ़तारी रखिए Visitors: 200 Post navigation Previous Post ज़िन्दगीNext Postतेरे कदमों में