अंदर तेरे राम है, तुझको नजर ना आए
मन की गांठे खोल दे, जीवन मुक्त हो जाए…
बाहर अंदर एक है, जान सके तो जान
कण-कण मे जब रब दिखे, होए बौद्ध ज्ञान…
मैं मैं करता जग मुआ, मैं न जाणयो कोए
जब मैं मैं जानत भयो, जगत तमाशा होए…
अंदर तेरे राम है, तुझको नजर ना आए
मन की गांठे खोल दे, जीवन मुक्त हो जाए…
बाहर अंदर एक है, जान सके तो जान
कण-कण मे जब रब दिखे, होए बौद्ध ज्ञान…
मैं मैं करता जग मुआ, मैं न जाणयो कोए
जब मैं मैं जानत भयो, जगत तमाशा होए…