दया धर्म का मूल है, करुणा दियो जगाए
जिस मन करुणा नहीं, निरा ठूठ रह जाए…
दया धर्म का मूल है, करुणा दियो जगाए
जिस मन करुणा भही, धर्मवान बन जाए…
राग द्वेष भय एक है, सब जग लियो फसाए
समता मन में कीजिये, जीवन सरल हो जाए…
दया धर्म का मूल है, करुणा दियो जगाए
जिस मन करुणा नहीं, निरा ठूठ रह जाए…
दया धर्म का मूल है, करुणा दियो जगाए
जिस मन करुणा भही, धर्मवान बन जाए…
राग द्वेष भय एक है, सब जग लियो फसाए
समता मन में कीजिये, जीवन सरल हो जाए…