बेटी की पुकार
आत्मसाक्षात्कार
ज़िन्दगी
मर्द
नेकी
- कितना मुश्किल
- शब्दों का जिस्म
नया जिस्म
आसमानी परिंदे
घर की दीवारें
समय
इस भरी दुनिया में
तू मेरे संग है
हर त्यौहार को अब
वक़्त हर वक़्त का
अमर मंथन
नया रिश्ता
मेरी चाहत
मिलन
मुझे अमृत्व दो
रिश्ता और विश्वास
थका नहीं हूँ मैं (भाग-1)
थका नहीं हूँ मैं (भाग-2)
उगता प्यार
मोक्ष
चाँद
प्रतिबिम्ब
सत्य
तृष्णा
मृगतृष्णा
बड़ी मुश्किल से
मैं जब-जब जला
होश आया तो
तू मुझ में नहीं
शम्मा के साथ
कितना अकेला
इन्तज़ार
मुझे अपना जिस्म
नैना बरसत जाए
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