Posted inKavita ज़िन्दगी ज़िन्दगी तू क्यूँ रेत बन गयीमैं जब-जब तुझेअपनी मुट्ठी में भरकरमनचाहा आकार देना चाहता हूँतू रीत जाती है क्या…
Posted inKavita Social बेटी की पुकार क्यूँ हिला देते होमेरी अंतरात्मा को झिंझोड़करक्यूँ सजा देते होमेरे रिसते ज़ख्मो को निचोड़करक्यूँ प्रेरित करते होमुझे हर…
Posted inKavita Social आत्मसाक्षात्कार यह तो विदित हैकि मैं किशोरी नहींयुवा हूँ, वृद्धा हूँ या अधेड़ा!सलीब पर लटकी मेरी हर सुबहकचोट जाती…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) मर्द क्या तुमने कभी देखा हैकिसी मर्द का चेहराआँसुओं में डूबा हुआ नहीं देखा ना!अरे वो मर्द ही क्याजिसका चेहराआँसुओं…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) नेकी कहते हैं तुम्हारी नेकीकिसी न किसी दिनकिसी न किसी रूप मेंतुम तक जरूर वापस आती है मुझे अपनी नेकियों…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) कितना मुश्किल अंदर और बाहर केप्रदूषण और शोर मेंकाला धुँआ फेंकतेविचारों के पीछे छिपेस्याह चेहरों में सेअपना वर्तमान चेहरा ढूंढ…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) शब्दों का जिस्म सिर्फ शब्द नहीं होती सोचसिर्फ जिस्म नहीं होती सोचउसमें एक जान भी होती हैजो रूह से धड़कती है मेरे…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) नया जिस्म दूर तक जातीवीरान सूखी नदीजानवरों केअधखाए कंकालपक्षियों के मांस नोचते जमघटगुर्राते और मिमियातेकुत्तों के बीचमैं स्वयं कोपल-पल बदलतेस्वांग…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) आसमानी परिंदे अभी तुम्हारी जिन्दगी में साज़ नहींअभी तुम्हारे गले में आवाज नहींहम तुम्हें कहीं ना नज़र आएंगेहम तुम्हें कभी…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) घर की दीवारें जब घर की दीवारों मेंजंगल उग जाते हैंतब वो घर, घर नहीं रहतेखंडहर कहलाते हैंचाहे उसमेंलोग ही क्यों…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) समय समय-समय की बात हैमानुष के क्या हाथ है पल में राज दिलाती हैपल में रंक बनाती है इक पल यार…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) इस भरी दुनिया में इस भरी दुनिया में तू किधर जाएगाहोगा ख़ुदा से दूर तो बिखर जाएगा, ख़ुदा सामने होगा जब भी आवाज़…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) तू मेरे संग है तू मेरे संग है तो मुझे क्या गम हैमुश्किलें जितनी भी मिले सब कम है हर दरिया हम हँसकर पार…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) हर त्यौहार को अब हर त्यौहार को अब कुछ यूं मनाया जाएकिसी गरीब के घर का चूल्हा जलाया जाए ज़िन्दगी हमारी रोशनी से…
Posted inKavita Philosophy (Aadhi Haqeeqat) वक़्त हर वक़्त का वक़्त हर वक़्त का हिसाब माँगता हैतुम्हारे हर कर्म का जवाब माँगता है कितनी भी उल्फ़त करो वक़्त से मगरबिगड़ा…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) अमर मंथन जब तुमने मुझेखो देने के डर सेअपनी बाहों में जकड़ लिया थातब मैंने स्वयं कोबूंद बूंद पिघलतासागर अनुभव…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) नया रिश्ता मेरा चेहरा प्यार सेभर दिया आपनेरोम-रोम में मीठा चुम्बनजड़ दिया आपनेइस नये रिश्ते कोक्या नाम दूँ मैंहर पुराना नामबेनाम कर…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मेरी चाहत मेरी सदियों पुरानी अधूरी चाहतेंजिसे मैंने हमेशाउसके अधूरे पन के साथ ही जियान जाने क्यों पूरा होने को…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मिलन हर ख्वाब हकीकत नहीं होताहर हकीकत ख्वाब नहीं होतीजिन्दगी में कुछ ऐसे लम्हे आते हैंजब कुछ ख्वाब तो…
Posted inKavita Romantic (Aadha Fasana) मुझे अमृत्व दो ऐसा मेरे साथ ही क्यूँ होता हैकि जब भी मैं मरना सीख जाता हूँतो कोई मुझेएक नई ज़िन्दगी…