Posted inGhazal/Nazm रुठा है यार मेरा Posted by Bhuppi Raja February 4, 2001No Comments रुठा है यार मेरा रूठा है यार मेरा उसे मनाऊं कैसेकरते है इंतहा प्यार बताऊँ कैसे तू है मेरा हमसफर तू ही हमसायातुझसे दूर मैं जाऊं तो जाउं कैसे सजती नहीं कोई महफ़िल अब तेरे बिनाइस महफ़िल को मैं सजाऊं तो सजाऊं कैसे सरे आइना मैं हुँ पशे आइना है कौनचेहरा तुझको दीखाऊं तो दीखाऊं कैसे तेरे बिना कटता नहीं मेरा इक पल भी‘राजा’ ये लम्बी ज़िंदगी बिताऊ कैसेG045 Post navigation Previous Post आज का दिनNext Postआज क्यूँ न कुछ