मिला न प्यार

मिला न प्यार तो रिंदो से दोस्ती कर ली

यूँ हमने अपने ही दिल से दुश्मनी कर ली

 

बड़े मगरूर थे अंधेरे कि है राज उनका

अपना घर जला के हमने रोशनी कर ली

 

मेरे दुश्मन भी मेरा बुलंद हौसला देख

घबरा इतना गए की दोस्ती कर ली

 

होंगे बहुत मजबूर जो बेवफा हुए

ये सोचकर दिल ने तसल्ली कर ली

 

हमसे जो भी मुहब्बत से  है पेश आया

अपना सर झुका हमने बंदगी कर ली

 

*मगरूर- घमंडी अभिमानी।

*बंदगी- आज्ञाकारिता आराधना नम्रता भक्ति सेवा खिदमत

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