Posted inGhazal/Nazm कुछ ही लोग होते हैं Posted by Bhuppi Raja February 24, 2001No Comments कुछ ही लोग होते हैं कुछ ही लोग होते हैं दिल के नवाबबाक़ी ऱखते हैं दुनियावी हिसाब दोस्ती में जो ख़ुदा को भी भुला देवो ही दोस्ती के क़ाबिल होता जनाब चुप रहते हैं हम जहाँ दोस्ती न होग़ैर को कभी देते नहीं कोई जवाब दोस्तों के दरमियाँ पर्दा कभी नहींचेहरे पे नहीं होता कहीं कोई नक़ाब रूठने-मनाने की दरकार नहीं यहाँदोस्ती में यक़ीन होता है बेहिसाब दोस्ती कभी ओहदों की मोहताज नहींइसमें न कोई रंक है न क़ोई नवाब जिससे बात करने को सोचना न पड़ेऐसे दोस्त को दिल से है मेरा आदाब कहता है दोस्त जिसे ‘राजा’ एक बारउसके आगे फीका है जहाँ का हर शबाबG013 Post navigation Previous Post कोई बस्ती तो होगीNext Postकोई मुझको मेरी ख़ता