दूर से पूछोगे हाल

दूर से पूछोगे हाल

दूर से पूछोगे हाल तो अच्छा ही बताएँगे

आओगे पास थोड़ा तो दिल खोल के दिखाएँगे

 

दिल से करोगे सवाल तो हर राज़ सुनाएँगे

किताबें खोल के पूछो तो ख़ामोश हो जाएँगे

 

चलोगे हमारे साथ तो ता-उम्र निभाएँगे

गर रूठ गए तुम तो हम ही तुम्हें मनाएँगे

 

गाओगे हमारे साथ तो महफ़िलें सजाएँगे

बनोगे हमारा साज़ तो सुर में सुर मिलाएँगे

 

बनोगे हमराज़ तो राज़दारी निभाएँगे

तुम्हारे दिल की धड़कन को अपनी बनाएंगे

 

थामोगे हमारा हाथ तो जन्नत दिखलाएँगे

एक वादा कर लो आज तो हम वफ़ा निभाएँगे

 

तुम्हारे हर ग़म को अपनी हँसी में छुपाएँगे

कभी मुस्कुरा दोगे तो ज़ख़्म सब भर जाएँगे

 

अगर चल पड़े तन्हा तो राहें भटक जाएँगे
सफ़र में दोगे साथ तो हर मंज़िल पा जाएँगे

 

छू लोगे साँसों से तो ख़ुशबू महकाएँगे

थोड़ा भी कर लो प्यार तो हम मर ही जाएँगे

G016

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