Posted inGhazal/Nazm आज का दिन Posted by Bhuppi Raja February 3, 2001No Comments आज का दिन आज का दिन फिर कहानी हो गयाआना उनका मेहरबानी हो गया वो आए पर ना बैठे, ना कोई बात कीदर्द-ए-दिल पूरा रवानी हो गया सुनानी थी उन्हे दिल कि दास्तांदिल बेचारा बेजुबानी हो गया यूं पराया बनके भी कोई आता हैमेरा वक़्त सारा मेजबानी हो गया अफ़साना बन के रह गया है प्यार मेरारिश्ता हमारा किस्से-कहानी हो गया आँखों में बसा लो मुझे काजल बनामेरा जिस्म सारा सुर्मे-दानी हो गया ख़ुद को समझे हैं वो अली-वलीये यार मेरा बद्गुमानी हो गया दिल क्यों मेरा इक जगह टिकता नहींये भी तुम सा आना-जानी हो गया दिल बेचारा अब मेरे बस में नहींदिल का मारा ‘राजा’ जानी हो गयाG042 Post navigation Previous Post इख़्तिलात कीजिएNext Postरुठा है यार मेरा