Posted inGhazal/Nazm आज बस इतनी इनायत Posted by Bhuppi Raja January 29, 2001No Comments आज बस इतनी इनायत आज बस इतनी इनायत कीजियेरुख से पर्दा हटाने दीजिये बादलों अपने पहरे हटालोचाँदनी ज़मी पे आने दीजिये मुद्दतो बाद मिले हो हमकोआँसू छलक जाने दीजिये हम भी अजनबी नहीं रहेंगेथोड़ा पास तो आने दीजिये कलियाँ फूल बन खिल उठेंगीभंवरे गुनगुनाने दीजिये बेख़्याली में भी मुस्कराओगेथोड़ा सरूर तो आने दीजिये बेकरारी से हमको ही ढूंढोगेबस इक शाँम साथ बिताने दीजिये राजा आपका मुरीद होगासर कदमों में झुकाने दीजियेG057 Post navigation Previous Post तूने मुझे एक बारNext Postकुछ ख़्वाब अधूरे