जब से गये हो तुम परेशां हूँ मैं
जिंदा हूँ कैसे अब तक हैरां हूँ मैं
नज़रों से दूर तुम हो बुलाऊं कैसे
सदियों से ढूंढ़ता बेजुबां हूँ मैं
इंतज़ार-ए-यार ये मेरा दम ले लेगी
लौट भी आओ अब पशेमां हूँ मैं
तुम चाहो ना चाहो तुम्हारी मर्ज़ी
तुम बिन पल-दो-पल का मेहमां हूँ मैं
नज़रें मिलाओ उठाओ या झुकाओ
तुम्हारी हर एक अदा पे कुर्बां हूँ मै
हमे भी जीने कि वो वजह मिल जाएगी
कह दो इक दिन के तुम्हारी जां हूँ मैं
तुम्हीं हो सरमाया तुम्हीं हो मेरी हस्ती
तुम बिन इस जग में बेनाम हूँ मैं
पशेमां- लज्जित । २. पश्चात्ताप करने वाला । पछताने वाला [को॰]
सरमाया- धन दौलत संपत्ति सर्माया।
G068
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