Posted inGhazal/Nazm यें जो जिंदगी Posted by Bhuppi Raja February 10, 2001No Comments यें जो जिंदगी यें जो जिंदगी की किताब हैये किताब वाकई लाजवाब है कभी खुशनुमा ख्याल हैकभी जानलेवा अज़ाब है कभी सहरा है ये ज़िन्दगीकभी शबाब ही शबाब है जहाँ न हो इक कतरा उम्मीदवहाँ मिल जाते सैलाब है कभी दरमियां है फासलेकभी मोहब्बत बेहिसाब है कभी शर्मों-हया न दूर तककभी चेहरे पे हिज़ाब है कभी हाथों-पैरों में बेड़ियाकभी हुकमन ये नवाब है कभी बेसुरी इसकी ज़ुबांकभी हाथों में इसके रबाब है जब भी जीने कि वजह पूछीकभी मिलते नहीं जवाब है कभी दो गज़ जमी ना नसीबकभी सारे जहाँ के नवाब है जिसने भी इसको पढ़ लियाउसे दिल से मेरा आदाब है अज़ाब – दुःख, पीड़ाG009 Post navigation Previous Post बहुत हैं दुनिया मेंNext Postआज यहाँ हर शख़्स