Posted inGhazal/Nazm तू ना चाहे मुझे Posted by Bhuppi Raja January 20, 2001No Comments तू ना चाहे मुझे तू ना चाहे मुझे तो क्या ग़म हैतू है मेरी यादों में ये क्या कम है तुझे याद कर तन्हाईयों मेंक्यू मेरी भीगी आँखें फिर नम हैं तू क्यों मेरे ख़यालों से नहीं जातीमैं जिधर भी जाऊँ तू मेरे संग है तू साथ है तो साँस चलती हैतू दूर है तो निकलता दम है तेरे बिना ये कायनात अधूरीतू है मेरी ज़िंदगी, तू ही हमदम है ‘राजा’ कहे इश्क़ की दास्ताँइश्क़ का मुझ पे बडा करम हैG039 Post navigation Previous Post तुम्हें हमसे प्यारNext Postतुम मुझे जीने की