Posted inGhazal/Nazm जिसका ग़म है Posted by Bhuppi Raja February 9, 2001No Comments जिसका ग़म है जिसका ग़म है बस वही जानेऔर कोई दूसरा क्या जाने वो न समझे हैं न समझेंगे कभीहम फिर लगे उनको समझाने हम थे पागल जिस शख़्स के लिएवो किसी और के थे दीवाने जीना तो हर हाल में है मुझकोबहुत कर्ज़ बाक़ी हैं चुकाने कुछ ख़ताएँ हो गई हमसे यूँउम्र भर भरेंगे अब हर्जाने कुछ पल मेंरे अपने थे मगरबाक़ी सब हो गए थे बेगाने करते-करते दर्दो का हिसाबबेख़याली में लगे मुस्कुराने अँधेरे सब जहाँ से मिट जाएगेकुछ दिए प्यार के हैं जलानेG005 Post navigation Previous Post सहरा में मिराज दिखाकरNext Postबहुत हैं दुनिया में