इस भरी दुनिया में तू किधर जाएगा
होगा ख़ुदा से दूर तो बिखर जाएगा,
ख़ुदा सामने होगा जब भी आवाज़ दे
तेरी परछायी बन चलेगा जिधर जाएगा
देगा तुझे भी सांसे चाहे उसे न मान
माना तो रूहानियत से तू भर जाएगा
गुनाह उम्र भर के वो माफ़ कर देगा
जब तेरा रास्ता उसके दर जाएगा
सर झुका देगा जब उसकी रज़ा में तू
हर सहरा से तू हँसकर गुज़र जाएगा
सजदे मे उठा देगा जब तू हाथ अपने
उसकी रहमतों से लबालब भर जाएगा
जन्नत नसीब होगी ‘राजा’ उसके करम से
जब ये दुनिया छोड़ उसके घर जाएगा
हर इल्ज़ाम तेरे सर से उतर जाएगा
हर सैलाब तेरी ज़िन्दगी से गुज़र जाएगा
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