Posted inGhazal/Nazm दिल को पत्थर Posted by Bhuppi Raja March 8, 2001No Comments दिल को पत्थर दिल को पत्थर भी कर लूँ तो भी क्या हो जायेगातेरी यादों का क्या सिलसिला रुक जायेगा शमा जलते ही तेरे साये को रोज आनाऔर मुझमे समा जाना क्या कभी ये भूल पाएगा मोहब्बतका सरूर जो तुम्हारी आँखों में खुमार थागर वही ना रहा तो और क्या रह जाएगा कोशिशें लाख करो तुम मुस्कुराने कीगर हम न रहे तो आँसू छलक ही जाएगाG070 Post navigation Previous Post उसको मेरा दर्दNext Postअश्क़ बहते नहीं